केंद्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, पांपोर
केंद्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार ने वर्ष 1958 में रेशमकीट की विदेशी और साथ ही स्वदेशी यूनीवोल्टाइन / बाइवोल्टाइन जातियों को बनाए रखने के लिए पांपोर कश्मीर में एक केंद्रीय रेशमकीट बीज स्टेशन की स्थापना की।
उत्तर भारत में रेशम उत्पादन सदियों से होता आ रहा है। रेशम के साथ कश्मीर के संबंध का उल्लेख राजत्रगिनी में किया गया है - 1148 में महान कवि और लेखक कल्हण द्वारा कश्मीर का सबसे पुराना लिखित ऐतिहासिक इतिहास।
उत्पादन, उत्पाादकता एवं द्विप्रज रेशम की गुणवत्ताध में वृद्धि हेतु रेशम उत्पादन अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं विस्तार गतिविधियों में व्यावसायिकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।